ये मासूम आखिर क्यों जीवन की पटरी से बे-वक़्त ‘डी-रेल’ हो गए ये मासूम आखिर क्यों जीवन की पटरी से बे-वक़्त ‘डी-रेल’ हो गए
क्यों ? क्योंकि प्यार ही आइडियल है और प्यार ही आइडियोलॉजी ! क्यों ? क्योंकि प्यार ही आइडियल है और प्यार ही आइडियोलॉजी !
बहुत कुछ है लिखने को ये जनता है सब लिखवा देती है। बहुत कुछ है लिखने को ये जनता है सब लिखवा देती है।
हो कहीं छुप छुप के आहें भरना तेरी अदा तो नहीं तुझे चाहते रहना मेरी खता तो नहीं। हो कहीं छुप छुप के आहें भरना तेरी अदा तो नहीं तुझे चाहते रहना मेरी खता तो नही...
इश्क क्या है यह तो नहीं जानता... इश्क क्या है यह तो नहीं जानता...
ये प्यार नही है खेल प्रिये, मुश्किल है अपना मेल प्रिये। ये प्यार नही है खेल प्रिये, मुश्किल है अपना मेल प्रिये।